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Shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview

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श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।। तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥ साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।। जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में https://jeffreybdmkp.vigilwiki.com/6349450/the_definitive_guide_to_lyrics_shiv_chalisa

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